परिचय
23,24, एवं 25दिसम्बर1983में बिहार की राजधानी पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल सभागार में अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की स्थापना हुई एवं 27 दिसंबर 1983 को अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन के तत्वावधान में अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन के गठन की ऐतिहासिक घोषणा हुई। सम्मेलन के प्रचार प्रसार के लिए भारत के विभिन्न राज्यों में 100 से अधिक सभाएं आयोजित की गई इस दौरे में जिन व्यक्तियों ने अपना बहुमूल्य समय दिया उनके नाम इस प्रकार है , श्री नंदकिशोर जालान, श्री राम गोपाल अग्रवाल, श्रीमती सुशीला मोहनका,श्रीमती पुष्पा चोपड़ा, श्रीमती सरोज गुटगुटिया, प्रोफ़ेसर कमला कानोरिया ,प्रोफेसर किरण अग्रवाल, श्री गौरीशंकर भुवानिया, डा. महादेव चंद्र, श्रीमती भगवती देवी अग्रवाल ,श्रीमती दुर्गादेवी भुवानिया, श्रीमती रुकमणी मुरारका।एक बीज जो उस दिन रोपा गया ,आज एक वटवृक्ष का रूप ले चुका है और भारत के विभिन्न राज्यों में अपनी शाखाएं फैला रहा है।
2020 22 मार्च तक भारत के 19 राज्यों में सम्मेलन की करीब-करीब 527 शाखाएं खुल चुकी है और 19 हजार के करीब सदस्य हैं| सम्मेलन का अपना लोगो है और मुखपत्र है, जिसका नाम है -- नव संकल्प -- जो विभिन्न शाखाओं की गतिविधियों को प्रकाश में लाने के लिए एक मशाल का काम करती है।










We believe all women can embrace who they are,
can define their future, and can change the world.

हमारा विजन
लड़कियां ,महिलाएं शिक्षित हो, उनका बौद्धिक विकास हो, वो पुरुषों के समकक्ष खड़े होने में सक्षम हो।
बहनों को समाज के बौद्धिक, शैक्षणिक ,प्रशासनिक, राजनीतिक ,साहित्य, संगीत, कला एवं संस्कृति आदि क्षेत्रों की ओर उन्मुख करना। परंपराओं का अवलोकन कर युग के अनुरूप जीवन शैली पर चिंतन मनन कर प्रगतिशील मार्ग को अपनाना। समाज के विकास में पूर्ण योगदान देना।
बच्चों और महिलाओं में चेतना लाने के लिए समय-समय पर आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, आर्थिक एवं सामाजिक संगोष्ठीयों का आयोजन करना या करवाना।
सामाजिक कुरीतियों का उन्मूलन करना या करवाना।
निशुल्क कानूनी सलाह केंद्र की स्थापना का प्रयास करना।
विकलांग बच्चों को राहत देने का प्रयास करना या करवाना।